Respiratory infections in monsoon: अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक है बारिश का मौसम, ऐसे करें बचाव
मानसून के मौसम में अस्थमा की समस्या बढ़ जाती है. इस मौसम में हवा में नमी के कारण कई तरह के बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं, जो मरीजों के लिए समस्या को बढ़ा देते हैं.
Respiratory infections in monsoon: अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक है बारिश का मौसम, ऐसे करें बचाव
Respiratory infections in monsoon: अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक है बारिश का मौसम, ऐसे करें बचाव
बारिश के मौसम में सांस से जुड़ी परेशानियां बढ़ जाती हैं. वो मरीज जिनको अस्थमा की परेशानी है, उनके लिए ये मौसम काफी दिक्कतें बढ़ाने वाला होता है. इसका कारण है कि इस मौसम में हवा में नमी बढ़ जाती है. कई तरह के बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं, जो सांस के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं और सामान्य लोगों के लिए अस्थमा और सांस से जुड़ी तमाम परेशानियों रिस्क बढ़ाते हैं. वहीं जो लोग पहले से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं, उनके लिए समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है. इस कारण से अस्थमा और सांस के मरीजों को इस मौसम में खासतौर पर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
क्या है अस्थमा
चेस्ट कंसल्टेंट और अस्थमा भवन जयपुर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. निष्ठा सिंह का कहना है कि अस्थमा एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जिसमें मरीज की सांस की नली में सूजन आ जाती है और सांस की नली धीरे-धीरे सिकुड़ने लगती है. ऐसे में मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगती है. बीते कुछ समय से अस्थमा के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. प्रदूषण, धूल-मिट्टी और एलर्जी की वजह से ये डिजीज बढ़ती है.
क्या है वजह
अस्थमा की बीमारी की तमाम वजह हो सकती हैं. खास कारण आउटडोर और इनडोर प्रदूषण, पुरानी डस्ट, परफ्यूम, छौंक का धुआं, जानवरों के फर, धू्म्रपान, तंबाकू का अधिक सेवन, दिवाली के पटाखों का धुआं, तेज हवा, अचानक मौसम में बदलाव व आनुवांशिकता आदि.
बचाव के लिए क्या करें
- इन्हेलर को हमेशा अपने साथ में रखें और विशेषज्ञ द्वारा दी गई दवाएं समय पर लें.
- धुएं, पालतू पशु, पक्षी,स्मोकिंग, सीलन आदि से दूर रहें.
- परफ्यूम और डियो का इस्तेमाल सीमित रूप से करें या न करें.
- शरीर को हाइड्रेट रखें और बहुत ज्यादा मेहनत वाली एक्सरसाइज न करें.
- स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग से बचें.
- ठंडी चीजों को खाने से परहेज करें.
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05:22 PM IST